अपने परिचर यक्ष और यक्षिणी, साथ ही उनके सिंहासन के तकिये पर नक़्क़ाशीदार उनसे संबंधित चिह्न (पहचान) के द्वारा वे अभ्यावेदन में एक दूसरे से और भी विशिष्ट हैं।
2.
अपने परिचर यक्ष और यक्शिनियाँ, साथ ही उनके सिंहासन के तकिये पर नक़्क़ाशीदार उनसे संबंधित चिह्न (पहचान) के द्वारा वे अभ्यावेदन में एक दूसरे से और भी विशिष्ट हैं।
3.
अपने परिचर यक्ष और यक्षिणी, साथ ही उनके सिंहासन के तकिये पर नक़्क़ाशीदार उनसे संबंधित चिह्न (पहचान) के द्वारा वे अभ्यावेदन में एक दूसरे से और भी विशिष्ट हैं।